रजिस्ट्रार फर्म्स, सोसाइटी एवं चिट्स वित्त विभाग उत्तर प्रदेश शासन के अधीन एक महत्वपूर्ण निदेशालय है। सहयोग एवं सहकार की भावना पर आधारित संस्थाओं के पंजीकरण के साथ-साथ इस कार्यालय द्वारा प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने एवं व्यापार को सुगम बनाने के लिए फर्म्स का भी पंजीकरण किया जाता है। पंजीकरण की प्रक्रिया से संस्थाओं एवं
फर्म्स को विधिक इकाई होने का स्तर भी प्राप्त हो जाता है जो उनकी गतिविधियों को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होता है।
शिक्षा, कला, विज्ञान, खेल, पर्यावरण, धर्म, साहित्य सहित कई क्षेत्र हैं जिनमें संस्थाएं स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय कार्य कर रहीं हैं। विगत दशकों में बढ़ते हुए शहरीकरण एवं बहुमंजिला भवनों के कारण स्वनियंत्रित रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की संख्या में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। संस्थाएं गांधी जी की स्वशासन की भावना के अनुरुप संचालित होती है जिसमें यह कार्यालय उनके गठन से लेकर उनमें उत्पन्न विवादों का समाधान करने तक में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है।
जन सेवाओं में समयबद्धता, गुणवत्ता एवं संवेदनशीलता आज के शासकीय कार्यालयों के लिए वेद वाक्य के समान है। यह कार्यालय भी जब सेवा के उच्यतम मानदंडों के अनुसार सेवाओं को त्वरित, पारदर्शी, समयबद्ध, निष्पक्ष, एवं गुणवत्ता पूर्ण ढंग से उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयत्न करता है। विभाग ने विगत कुछ समय में तकनीक का उपयोग करके सेवाओं को और सुगम बनाया है। आज विभाग के द्वारा प्रदान की जाने वाली समस्त सेवाएँ ऑनलाइन हैं। यहाँ तक कि विवादों को भी ऑनलाइन पंजीकृत करने की सुविधा प्रारंभ बन दी गयी है।
विभाग द्वारा विगत एक वर्ष में अभियान चला कर लंबित पंजीकरण एवं नवीनीकरण प्रार्थना पत्रों का
निस्तारण कराया गया है, जिसके कारण अब औसत समय सीमा उल्लेखनीय रूप से कम हो कर मात्र 11 से 18 दिन रह गयी है जबकि जनहित गारंटी अधिनियम में यह समयसीमा 30 से 60 दिनों तक अनुमन्य है। इसी प्रकार विभाग द्वारा एक वर्ष से अधिक समय से पुराने सभी वादों का निस्तारण कराया गया तथा विभाग का संकल्प है कि 6 माह से अधिक समय से लंबित कोई भी
वाद न रहे अर्थात प्रत्येक वाद का निस्तारण अधिकतम 6 माह में
ही विभाग द्वारा कर दिया जाए जिससे कि नागरिकों को त्वरित न्याय मिल सके। विभाग द्वारा एवं हित ग्राहियों के लिए सोसाइटी से सम्बंधित अभिलेखों तक भी डिजिटल माध्यम से पहुँच सुनिश्चित करने के लिए
सादर/SADAR" (Smart Access to Documents and Records) की सुविधा प्रारंभ की गयी है जिसके उत्साहजनक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।
इस सुविधा को और परिष्कृत रूप में नागरिकों के लिए संचालित किया जाना प्रस्तावित है।
विभाग इस समय परिवर्तन और उन्नयन के मार्ग पर अग्रसर है जिसमें कार्य संस्कृति में बदलाव के साथ-साथ संसाधनों को
बढ़ाया जाना, कार्मिकों का प्रशिक्षण, विभागीय सेवाओं के लिए नागरिको से फीडबैक एवं सुझाव प्राप्त करना, कार्यालय सुविधाओं में विस्तार, नयी तकनीक का अंगीकरण, नए अधिनियम की तैयारी, अभिलेखों का डिजिटलीकरण, नए कार्यालयों की स्थापना एवं विभाग में पेपरलेस संस्कृति विकसित करना प्रमुख हैं। उत्तर प्रदेश की विशिष्ट आवश्यकता के दृष्टिगत विभाग द्वारा तैयार किये गए नए ड्राफ्ट सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम
का प्रस्तुतिकरण माननीय मुख्यमंत्री जी के समक्ष किया जा चुका है तथा शीघ्र ही इसे मूर्त रूप दिया जा सकेगा। नगरीय क्षेत्रों में बहुमंजिला भवनों में रहने वाले लोगों की सुविधा के लिए भी पूर्व प्रचलित उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट एक्ट 2010 के स्थान पर नए अपार्टमेंट एक्ट का ड्राफ्ट इस विभाग द्वारा तैयार किया गया है जिसका एक से अधिक बार प्रस्तुतिकरण आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के समक्ष किया जा चुका है। आशा है कि शीघ्र ही इसे भी मूर्त रूप दिया जा सकेगा।
उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो के तृतीय संस्करण में विभाग द्वारा अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कराई जा रही है। विभाग के स्टाल के माध्यम से नागरिक, उपलब्ध करायी जाने वाली सुविधाओं एवं उनकी प्रक्रिया के बारे में जानकारी ले सकते हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा, माननीय वित्त मंत्री जी के संबल और अपर मुख्य सचिव
वित के नियंत्रण और मार्गदर्शन में यह विभाग नागरिक सुविधाओं को प्रदान करने में नए शिखर स्पर्श करने के लिए संकल्पित है।